अब दसवीं के बच्चों को गणित नहीं लगेगा हौव्वा
नई दिल्ली। सरकारी स्कूल के दसवीं के बच्चों को अब गणित का डर नहीं सताएगा। गणित के डर को खत्म करने और बच्चों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए शिक्षा निदेशालय टीच मैथमेटिक्स प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। प्रोजेक्ट में दसवीं बोर्ड परीक्षा दे रहे वाले बच्चों को शामिल किया जाएगा। निदेशालय इस प्रोजेक्ट के लिए बाहरी एजेंसी का सहयोग लेने की तैयारी कर रहा है। बाहरी एजेंसी की मदद से बच्चों को मई से जुलाई तक गणित की कोचिंग दी जाएगी। जिससे कंपार्टमेंट तक उनके प्रदर्शन को सुधारा जा सकेगा।
शैक्षणिक सत्र 2018-19 में दसवीं कक्षा का पास प्रतिशत 71.6 फीसदी था। शिक्षा निदेशालय ने दसवीं के रिजल्ट का विस्तृत अध्ययन करने पर पाया कि गणित में महज 75 फीसदी बच्चे पास हुए और भाषा व सोश्ल साइंस जैसे विषयों में 95 फीसदी से अधिक बच्चे पास हुए। गणित के ऐसे रिजल्ट का कारण यह रहा कि इन स्कूलों में बच्चों के मुकाबले में शिक्षकों की संख्या काफी कम थी। गणित विषय में दिक्कत के कारण दसवीं में 37,073 बच्चे फेल हो गए।
ऐसे में निदेशालय ने गणित में बच्चों के प्रदर्शन और सरकारी स्कूलों के रिजल्ट को सुधारने के लिए उन्हें अतिरिक्त कोचिंग देने का फैसला किया है। बाहरी एजेंसी की मदद से दसवीं के रिजल्ट के बाद सुधारात्मक कक्षाएं लगाई जाएंगी। रिजल्ट के बाद ही इन कक्षाओं में बच्चों की संख्या तय की जाएगी। हालांकि एक सेक्शन में 30-40 से अधिक बच्चों को नहीं रखा जाएगा। यह कक्षाएं प्रतिदिन दो से तीन घंटे के लिए लगेंगी। बाहरी एजेंसी को 50 दिनों में 100 घंटे में सभी जरूरी टॉपिक कवर करने होंगे। स्कूल में दसवीं कक्षा को गणित पढ़ाने वाले शिक्षक बाहरी एजेंसी के शिक्षकों को पढ़ाने तथा अन्य कार्यों में मदद करेंगे। निदेशालय के इस प्रोजेक्ट से सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लगभग तीस हजार छात्रों को लाभ पहुंचेगा।